याद, बस याद ही ऐसा लम्हा है
याद, बस याद ही ऐसा निशान है
जहा पर तेरी ताक़त ना चलेगी।
याद, बस याद ही ऐसा मौका
जहा पर मैं जैसे चाहू वैसे तुमसे बात करूँगा।
याद, बस याद ही ऐसा जज़्बा है,
जहा पर मेरी हर गलती की सज़ा मिलेगी।
याद, बस याद ही ऐसा जहाँ
जहा पर तुम और मैं एक साथ होंगे।
याद, बस याद ही ऐसा निशान है
जहा पर सिर्फ मेरे ही नही तेरे भी कर्मो के निशान होंगे।
याद, बस याद ही ऐसा जूनून है
जहा पर सच्च और झूट की सीमा नहीं होगी.
याद, बस याद ही एक ऐसी कहानी है
जहा पर कोई अंत या कोई शुरुवात नहीं
याद, बस याद ही एक ऐसी दुनिया है
जहा पर कोई नाराज़ या कोई खुश नहीं
बस तुम और मैं
और कोई नहीं
और हम्हारी अच्छी यादें।